रतनपुर थाना क्षेत्र, बेलतरा में फिर शुरू हुआ अवैध कोयला
कारोबार — महंगे कोयले की जगह सस्ते कोयले को रंग कर बेचने का खेल!
रतनपुर, बेलतरा: रतनपुर थाना क्षेत्र के बेलतरा इलाके में अवैध कोयले का कारोबार फिर से जोर पकड़ने लगा है। सूत्रों के अनुसार, अच्छे किस्म के कोयले को चोरी-छिपे निजी प्लॉट के अंदर लाकर ड्राइवरों से सस्ते दामों पर खरीदा जाता है। इसके बाद पत्थर और सस्ते कोयले को कोयला पाउडर से रंगकर महंगे कोयले के रूप में लोड किया जाता है और बाजार में उच्च कीमत पर बेचा जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अवैध कारोबार के कारण न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि बाजार में भरोसेमंद कोयले की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को ठगी का सामना करना पड़ रहा है—अच्छा कोयला खरीदने के नाम पर उन्हें मिलावट वाला सस्ता माल थमाया जा रहा है।
क्या खनिज विभाग और पुलिस को जानकारी है? — जवाब चाहिए!
इसी बीच एक महत्वपूर्ण सवाल हवा में लटकता है — क्या खनिज विभाग और स्थानीय पुलिस को इस अवैध कारोबार की जानकारी है? यदि जानकारी है तो क्यों कार्यवाही नहीं हो रही? स्थानीय निवासी और कुछ व्यापारियों का आरोप है कि यह धंधा खुलेआम चल रहा है और इसे किसी निम्न स्तर के संरक्षण या संरक्षणात्मक अनदेखी का लाभ मिल रहा है।
- क्या खनिज विभाग ने इलाके का निरीक्षण किया है?
- क्या पुलिस को प्लॉटों में हो रहे लोडिंग-लोडिंग और रंगाई-रिपैकिंग की सूचना मिली थी?
- यदि सूचना मिली थी, तो कार्रवाई क्यों टल रही है — लखनऊ में हुए उलझाव की तरह लंबी जांच का बहाना या किसी का संरक्षण?
- क्या ड्राइवरों और दलालों के पीछे कोई बड़े नेटवर्क हैं जिनके खिलाफ अभी तक जांच की पहल नहीं हुई?
यह सीधे सवाल हैं जिनका जवाब प्रशासन को देना चाहिए — मात्र आश्वासनों से काम नहीं चलेगा।
स्थानीय व्यापारियों व नागरिकों की मांगें
स्थानीय व्यापारियों और आम नागरिकों ने मांग की है कि:
- खनिज विभाग और पुलिस संयुक्त रूप से तुरंत छापेमारी करके प्लॉटों पर हो रही गतिविधियों का सत्यापन करें।
- जो भी लोगों ने सस्ते कोयले को रंगकर महंगे कोयले के रूप में सप्लाई किया, उनके खिलाफ आपराधिक और वैधानिक कार्रवाई हो।
- ड्राइवरों, दलालों और खरीदारों का नेटवर्क उजागर कर उसे तोड़ा जाए — ताकि पुनरावृति न हो।
- जिन अधिकारियों या कर्मचारियों पर संरक्षण देने का संदेह है, उनकी भी निष्पक्ष जांच कराई जाए।
विशेषज्ञों की चेतावनी
खनिजों के विशेषज्ञों और स्थानीय व्यापार संगठनों का कहना है कि कोयले में मिलावट से न सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी होती है, बल्कि इसका पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है — जब कोयले के साथ अनाधिकृत पदार्थ और पाउडर मिलाए जाते हैं, तो उसका जलने पर अलग प्रदूषण हो सकता है और उपयोगकर्ता को जोखिम बढ़ता है।
निष्कर्ष — अब प्रशासन को दिखाना होगा असर
बेलतरा के इस अवैध कोयला कारोबार ने स्थानीय बाजार और उपभोक्ताओं में आशंका पैदा कर दी है। जनता चाहती है कि अब संदेह और आरोपों की घेराबंदी से आगे बढ़कर त्वरित, पारदर्शी और सख्त कार्रवाई की जाए। खनिज विभाग और पुलिस को स्पष्ट रूप से बताना होगा — क्या उन्हें जानकारी थी और यदि थी तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? यदि नहीं थी, तो अब किस प्रक्रिया से जानकारी हासिल कर कार्रवाई करेंगे — यह जनता जानने की हक़दार है।
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