पीड़ित के परिजन ICU में भर्ती
शिवदुलारे साहू ने एसपी कार्यालय में की शिकायत, विभागीय कार्रवाई की मांग
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रतनपुर | 2 सितंबर 2025
बिलासपुर जिले के रतनपुर थाना क्षेत्र से एक गंभीर पुलिस दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। ग्राम नवागांव (मोहंदा) निवासी शिवदुलारे साहू ने पुलिस अधीक्षक (SP) बिलासपुर को आवेदन देकर रतनपुर पुलिस पर झूठा प्रकरण बनाकर उनके पिता को जेल भेजने और जबरन वसूली करने का गंभीर आरोप लगाया है। शिकायत में दावा किया गया है कि पुलिस की इस कार्रवाई के चलते उनके पिता की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें ICU में भर्ती कराना पड़ा।
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क्या है मामला?
शिकायतकर्ता के अनुसार, उनके पिता भगवानदीन साहू 20 अगस्त 2025 को घर लौटते समय शराब लेकर आ रहे थे, जिसे वे अपने घर में ही सेवन करते थे। इसी दौरान, रतनपुर थाने के आरक्षक राम साहू और दो अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें रास्ते में रोककर शराब जब्त की और अवैध शराब रखने का आरोप लगाते हुए थाने ले गए।
थाने में कथित रूप से उनसे ₹1,50,000 की रिश्वत मांगी गई, साथ ही धमकी दी गई कि उनके पास मिली 100ml शराब को 45 लीटर बताकर मामला दर्ज कर देंगे और ₹150 की नगद राशि को ₹9,000 दिखाकर केस बनाएंगे। जब उनके पिता ने पैसे देने से मना किया, तो पुलिस ने झूठा मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया।
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स्वास्थ्य बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती, लेकिन नहीं दी गई परिजनों को सूचना
शिकायत में यह भी कहा गया है कि जेल भेजे जाने के एक दिन बाद ही भगवानदीन साहू की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें सिम्स अस्पताल बिलासपुर के ICU में भर्ती किया गया, लेकिन रतनपुर थाना पुलिस ने परिवार को कोई सूचना नहीं दी।
परिजन को इसकी जानकारी तब हुई जब शिवदुलारे साहू जेल में अपने पिता से मिलने पहुंचे। जेल प्रहरियों ने बताया कि उनके पिता को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद वे तत्काल अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से जानकारी ली, जिसमें स्थिति अत्यधिक गंभीर बताई गई।
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शिकायतकर्ता ने क्या कहा?
आवेदक शिवदुलारे साहू ने अपनी शिकायत में कहा है:
> “मेरे पिता के खिलाफ झूठा और बेबुनियाद मामला बनाकर उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। यदि उनके साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी थाना रतनपुर में पदस्थ आरक्षक राम साहू, अन्य दो सहयोगी और थाना प्रभारी रतनपुर की होगी।”
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एसपी कार्यालय से जांच की उम्मीद
शिवदुलारे ने पुलिस अधीक्षक बिलासपुर से मामले की गंभीर जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की मांग की है। आवेदन की प्रति में 20 अगस्त की घटना, जेल में स्वास्थ्य बिगड़ने, सिम्स अस्पताल में भर्ती होने और सूचना न दिए जाने की पूरी श्रृंखला का विवरण संलग्न किया गया है।
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क्या कहती है पुलिस?
अब तक पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन मामला एसपी कार्यालय तक पहुंचने के बाद संभावना है कि प्रारंभिक जांच के आदेश जल्द दिए जा सकते हैं।
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जनहित में उठे सवाल:
क्या रतनपुर पुलिस ने वाकई रिश्वत की मांग की?
छोटे स्तर की शराब जब्ती को बड़े प्रकरण में क्यों बदला गया?
परिजनों को ICU में भर्ती होने की सूचना क्यों नहीं दी गई?
क्या यह मामला अधिकारों का दुरुपयोग और मानवाधिकारों का उल्लंघन है?
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यह मामला केवल एक व्यक्ति की शिकायत नहीं, बल्कि पुलिस व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठाता है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह पुलिस सुधारों की आवश्यकता को फिर से रेखांकित करता है।
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