पति की मौत के दो साल बाद भी नहीं मिली पेंशन — सौतेले बेटे ने घर से निकाला, दस्तावेज छीन लिए

पति की मौत के दो साल बाद भी नहीं मिली पेंशन — सौतेले बेटे ने घर से निकाला, दस्तावेज छीन लिए

रतनपुर/लोरमी, मुंगेली (छत्तीसगढ़):
शिक्षा विभाग में पदस्थ रहे स्वर्गीय दया शंकर सोनी की विधवा पत्नी सावित्री सोनी पिछले दो वर्षों से पारिवारिक पेंशन के लिए संघर्ष कर रही हैं। न केवल उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें अपनों से भी बेदखल कर दिया गया है।

पति की मृत्यु के बाद उन्हें सौतेले बेटे ने पहले तो घर से निकाल दिया, और फिर पेंशन के लिए जरूरी दस्तावेज – जैसे सेवा पुस्तिका (Service Book) और अन्य कागजात – जबरन छीन लिए।
सावित्री सोनी की कोई अपनी औलाद नहीं है। पति की पहली पत्नी से हुआ सौतेला बेटा अब न केवल संपत्ति पर अधिकार जमाए बैठा है, बल्कि उन्हें विधवा पेंशन से भी वंचित कर रहा है।

अब सावित्री देवी अपने मूल निवास लोरमी से दूर, करीब 50 किलोमीटर दूर रतनपुर में, किसी प्रकार से जीवन यापन कर रही हैं।
 केवल तीन स्त्रोतों पर निर्भर है जीवन:

1. राशन कार्ड के जरिए मिलने वाला चावल


2. महतारी वंदन योजना के ₹1000 प्रति माह


3. और कोई स्थायी आमदनी नहीं



उन्होंने कई बार शिक्षा विभाग से संपर्क किया, लेकिन दस्तावेज़ न होने की वजह से प्रक्रिया अटकी हुई है। अब उन्होंने थाना और जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया है और कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
"ना बच्चा, ना सहारा, ना पेंशन — मैं किसके सहारे ज़िंदा रहूं?" — सावित्री देवी की ये बातें हर किसी को झकझोर देती हैं।




❗ प्रशासन से सवाल:

सौतेले बेटे द्वारा विधवा मां से दस्तावेज छीनना क्या अपराध नहीं है?

क्या नॉमिनी होने के बावजूद सावित्री देवी को पेंशन के लिए तरसना होगा?

प्रशासन कब जागेगा?


अब ज़रूरत है कि पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन एकजुट होकर इस बुजुर्ग महिला को न्याय दिलाएं।

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