CMO खेत कुमार पटेल पर विधायक अटल श्रीवास्तव ने लगाए गंभीर आरोप,
मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत
रतनपुर नगर पालिका परिषद, जो कभी विकास कार्यों और धार्मिक नगरी की स्वच्छता के लिए जानी जाती थी, आजकल भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के कारण सुर्खियों में है। नगर पालिका परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) खेत कुमार पटेल पर अब सीधे विधायक अटल श्रीवास्तव ने मोर्चा खोल दिया है।
विधायक ने राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को भेजे गए एक विस्तृत पत्र में आरोप लगाया है कि CMO खेत कुमार पटेल ने नगर पालिका परिषद को अपना निजी वसूली अड्डा बना लिया है। विकास कार्यों की निविदाओं में धांधली कर मोटा कमीशन लिया जा रहा है, और बिना रिश्वत दिए कोई भी फाइल आगे नहीं बढ़ रही है।
क्या हैं आरोप?
पत्र में कहा गया है कि –
CMO द्वारा नगर के विकास कार्यों की निविदाओं में खुलेआम कमीशनखोरी की जा रही है।
ठेकेदारों से 10–15% तक की भारी-भरकम राशि वसूल की जा रही है।
नगर में सफाई से लेकर निर्माण तक, हर काम के पीछे अवैध वसूली का नेटवर्क खड़ा कर दिया गया है।
शिकायतों के बावजूद अब तक न तो विभागीय जांच बैठाई गई और न ही कोई कार्रवाई की गई।
विधायक अटल श्रीवास्तव ने पत्र में लिखा है कि नगर के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के बीच गुस्सा और असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग खुलेआम कह रहे हैं कि नगर पालिका के दफ्तर में बिना पैसा दिए कोई भी काम संभव नहीं है।
सीधा मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तक मामला
इस मामले को और गंभीर बनाते हुए विधायक ने केवल आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो तक ही शिकायत सीमित नहीं रखी। उन्होंने इस पत्र की प्रतिलिपि सीधे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव को भी भेज दी है। यानी अब मामला केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि राज्य की सत्ता के गलियारों तक पहुंच चुका है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शिकायत सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचने से CMO की कुर्सी अब काफी कमजोर हो गई है। आने वाले दिनों में उन पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
जनता की जुबानी
रतनपुर नगर के लोगों का कहना है कि नगर पालिका में कई महीनों से भ्रष्टाचार का बोलबाला है। छोटे से छोटे काम के लिए घूस मांगी जाती है। नगरवासियों ने विधायक की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि अगर सरकार सच में पारदर्शिता चाहती है तो तत्काल CMO को पद से हटाकर जांच करानी चाहिए।
विपक्ष को मिला मुद्दा
विपक्षी दल भी इस मामले को भुनाने में पीछे नहीं हैं। उनका कहना है कि अगर नगर पालिका में भ्रष्टाचार पर समय रहते लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाले चुनावों में जनता सरकार से इसका हिसाब जरूर मांगेगी।
सवाल कई, जवाब कोई नहीं!
क्या मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करेंगे?
क्या EOW जांच में बड़े खुलासे होंगे?
क्या CMO खेत कुमार पटेल को पद से हटाया जाएगा?
या फिर यह मामला भी नौकरशाही की फाइलों में दबकर रह जाएगा?
फिलहाल…
पूरा नगर यही कह रहा है – “नगर पालिका में सफाई अभियान सिर्फ कागजों पर, हकीकत में भ्रष्टाचार का साम्राज्य!”
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