बिलासपुर, 6 सितंबर।
जिला पंचायत सचिव संघ बिलासपुर ने हाल ही में एक सनसनीखेज मामला उजागर करते हुए पुलिस अधीक्षक को आवेदन सौंपा है। आवेदन में सचिवों ने दावा किया है कि नेशनल हाईवे से मवेशियों को हटाने की ड्यूटी के दौरान उन्हें लगातार झूठे आरोपों और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। सचिवों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, बिना पुलिस सुरक्षा के आगे ड्यूटी करने से भी इनकार किया है।
गौ सेवा के नाम पर अभद्रता
आवेदन के अनुसार, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और इंजीनियर लंबे समय से एनएच पर मवेशियों को हटाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इस कार्य में लगे अधिकारियों का कहना है कि उनके प्रयासों से अब सड़कों पर मवेशियों की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं काफी हद तक कम हो गई हैं। बावजूद इसके, उन्हें बार-बार बेवजह के विवादों में घसीटा जा रहा है।
ढाबा संचालिका ने दी धमकी, मांगे गए 1.20 लाख रुपए का झूठा आरोप
सचिव संघ ने बताया कि 28 अगस्त की रात, मदनपुर (रानीगांव) से बैलतरा हाईवे के पास स्थित एक ढाबे के सामने लगभग 40-50 मवेशी जमा थे। सचिवों ने मवेशियों को हटाकर ढाबा संचालक से अनुरोध किया कि वे अपने ढाबे के पास साफ-सफाई रखें, ताकि जानवर भोजन की गंध से आकर्षित न हों। इस पर ढाबा संचालिका भड़क उठी और सचिवों को धमकाते हुए कहा – "तुम सबको झूठे केस में फंसा दूंगी।"
अगले ही दिन खबर आई कि संबंधित महिला ने सचिवों पर 1.20 लाख रुपये जबरन वसूलने का आरोप लगाते हुए थाना, एसपी और आईजी ऑफिस में शिकायत दर्ज करवा दी है। सचिवों का कहना है कि यह आरोप पूरी तरह झूठा, मनगढ़ंत और उन्हें फंसाने की साजिश है। उन्होंने यह भी कहा – "कोई भी व्यक्ति इतनी बड़ी रकम बिना रसीद कैसे दे सकता है?"गाली-गलौज और धमकी की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं
इससे पहले 20 अगस्त को ग्राम रहंगी के गौठान में भी कुछ छुटभैया नेताओं द्वारा ड्यूटी कर रहे सचिवों से गाली-गलौज की गई थी। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पुलिस और मुख्य कार्यपालन अधिकारी के समय पर पहुंचने से ही कोई बड़ी अनहोनी टल सकी।
मानसिक रूप से आहत हैं सचिव, मांग रहे पुलिस सुरक्षा
सचिव संघ ने स्पष्ट किया है कि वे ईमानदारी से अपना कार्य कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं उनके मनोबल को तोड़ रही हैं। आवेदन में कहा गया –
“अब बिना पुलिस सुरक्षा के मवेशी हटाने का कार्य करना हमारे लिए संभव नहीं। यदि भविष्य में कोई घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।”
इन मांगों को रखा सचिव संघ ने:
1. झूठी शिकायतों की निष्पक्ष जांच हो
2. झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए
3. सचिवों को पुलिस सुरक्षा के साथ ही ड्यूटी दी जाए
4. भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव हेतु प्रशासन संवेदनशीलता दिखाए
प्रशासन के पास अब विकल्प सीमित
इस पूरे घटनाक्रम ने पंचायत व्यवस्था और मवेशी प्रबंधन की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सचिवों की मांगें जायज हैं या नहीं – इसकी जांच तो समय बताएगा, लेकिन अगर प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई, तो आने वाले दिनों में नेशनल हाईवे पर पशुओं की वजह से स्थिति और भी खराब हो सकती है।
0 Comments