“जय माता दी” के बैनर पर डंडा — श्रद्धा के नाम पर अपमान!
रतनपुर (नगर पालिका क्षेत्र):
जहां पूरा शहर नवरात्रि की भक्ति में डूबा है, माता के जयकारों से गलियां गूंज रही हैं — वहीं नगर पालिका ने श्रद्धालुओं की भावनाओं पर सीधा हमला बोल दिया है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा लगाए गए "नवरात्रि बधाई बैनर" हटाने के लिए सीएमओ खेल कुमार पटेल के आदेश पर RI ने बाकायदा कचरा गाड़ी और सफाई कर्मचारियों की टीम भेज दी!
महामाया चौक, मां दुर्गा पंडालों और प्रमुख स्थलों से श्रद्धा के प्रतीक बैनर हटाए गए — और यही बना जनता के गुस्से की वजह!
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"कचरा नहीं दिखा तो श्रद्धा हटाने लगे?"
स्थानीय लोगों ने विरोध दर्ज कराया और जमकर भड़ास निकाली:
"गली में कचरा पड़ा है, सड़क पर धूल उड़ रही है, नालियों से बदबू आ रही है — लेकिन नगर पालिका को बैनर से एलर्जी हो गई है!"
"जो नगर पालिका खुद बिजली के खंभों पर साल भर पुराने बधाई संदेश लटकाए बैठी है, वो अब श्रद्धालुओं के स्वागत पर आपत्ति कर रही है?" — रियाज खोखर
"कचरा गाड़ी भेजनी है तो मोहल्ले के गंदे कोनों में भेजो, श्रद्धा के कोनों में नहीं!" — शीतल जायसवाल
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नेताओं की भी नाराज़गी खुलकर सामने आई:
> "माता के स्वागत में लगे बैनर आपको चुभ रहे हैं, लेकिन 10 दिन से पानी नहीं आ रहा – उस पर कोई कार्रवाई नहीं!"
— कन्हैया यादव, पूर्व उपाध्यक्ष, नगर पालिका रतनपुर
> "पहले मोहल्लों की सफाई करो, फिर बैनर हटाने की बात करना। वरना अगला बैनर होगा — 'नगर पालिका हाय-हाय' का!"
— सुभाष अग्रवाल, विधायक प्रतिनिधि
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"विकास का ढोल, लेकिन जनता का हाल — गोल!"
जनता सवाल पूछ रही है:
नवरात्रि में श्रद्धा पर बैन, लेकिन समस्याओं पर मौन क्यों?
क्या जनता के प्रतिनिधियों को बधाई देने का भी हक नहीं?
क्या नगर पालिका अब आस्था पर सेंसरशिप लगाएगी?
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जनता का साफ संदेश:
अगर नगर पालिका ने अपनी प्राथमिकताएं नहीं सुधारीं —
तो अगली आवाज़ जयकारों की नहीं, विरोध की होगी!
रिपोर्ट: संतोष सोनी चिट्टू
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