कोनी थाने के साये में कबाड़ माफिया का खेल! चोरी का माल, दलालों की फौज और पुलिस की खामोशी...

कोनी थाने के साये में कबाड़ माफिया का खेल! चोरी का माल, दलालों की फौज और पुलिस की खामोशी...

रतनपुर/बिलासपुर — जिले के लगभग सभी थाना क्षेत्रों में कबाड़ का अवैध कारोबार बंद हो चुका है, लेकिन कोनी थाना क्षेत्र के गतौरी गांव में कबाड़ी माफिया का धंधा धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। सवाल उठता है — क्या कोनी थाना क्षेत्र इस अवैध धंधे का “सेफ जोन” बन चुका है?

सूत्रों की मानें तो पुलिस संरक्षण में चल रहे दो प्रमुख कबाड़ दुकानें न सिर्फ चोरी का सामान धड़ल्ले से खरीद रही हैं, बल्कि दिन-दहाड़े हुई बाइक और साइकिल चोरी की घटनाओं का ठिकाना भी बन चुकी हैं। दिलचस्प यह कि इन दुकानों में चोरी की साइकिल, बाइक, और घरेलू कीमती सामान को बिना किसी सत्यापन के खरीदा जा रहा है।

🔥 “सामान कोई भी हो, दाम वही पानी वाला”

कोनी के कबाड़ी कारोबार की असल ताकत उनके दलाल हैं, जो पूरे बिलासपुर और आसपास के इलाकों से चोरी का सामान इकट्ठा कर यहाँ पहुंचाते हैं। फिर उन सामानों को कबाड़ी औने-पौने दाम में खरीदकर भारी मुनाफा कमाते हैं। एक अंदाज के मुताबिक, यह धंधा करोड़ों रुपये का अवैध मुनाफा पैदा कर चुका है।

🤝 पुलिस की चुप्पी या साझेदारी?

आम जनता का कहना है कि पुलिस इस पूरे खेल को जानती है लेकिन चुप है। क्या यह चुप्पी किसी हिस्सेदारी का इशारा है? कई बार चोरी की रिपोर्ट दर्ज ही नहीं की जाती, और जो दर्ज होती भी है, उसमें कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है।

🚨 क्या करेंगे नवनियुक्त थाना प्रभारी?

अब नज़रें टिकी हैं कोनी थाने के नवागत थाना प्रभारी पर। क्या वे इस जुर्म और जुड़ाव के गठजोड़ को तोड़ पाएंगे? या फिर पहले की तरह इस अवैध कबाड़ साम्राज्य को अनदेखा कर दिया जाएगा?

📣 जनता का सवाल —

“जब शहर से चोरी होता है तो सामान कहां जाता है? जवाब है — कोनी के कबाड़ दुकान में।”

अब देखना यह है कि कबाड़ी माफिया पर पुलिस का बुलडोजर चलता है या फिर पुलिस की नज़रे-इनायत में ये धंधा और भी परवान चढ़ता है।

– रिपोर्ट: चिट्टू सोनी, रतनपुर 

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