क्रोमेटिक कंपनी की करतूतें बेनकाब — एक्सपायरी डेट गायब, ज़हर की तरह परोसा जा रहा है पानी
रतनपुर में पानी के नाम पर ज़हर परोसा जा रहा है। क्रोमेटिक कंपनी द्वारा पैक किए गए पाउच और बोतल न केवल एक्सपायरी डेट के बिना खुलेआम बिक रहे हैं, बल्कि महीनों पुराने पाउच भी दुकानों की अलमारियों में सजकर जनता को मौत का निमंत्रण दे रहे हैं।
शिकायतें
लगातार जिम्मेदारों तक पहुंची हैं, लेकिन प्रशासन ने मानो आंखों पर पट्टी बांध रखी हो। कार्रवाई का ड्रामा तो कई बार हुआ, लेकिन असली दोषियों तक हाथ पहुंचने से पहले ही फाइलें ठंडी कर दी गईं।
मीठे पानी की आड़ में जहर की डिलीवरी
रोजाना हजारों की संख्या में पाउच और बोतलें होटलों, ढाबों और दुकानों में खपाई जा रही हैं। लोग बिना देखे पी भी जाते हैं, क्योंकि न तो एक्सपायरी डेट का जिक्र होता है और न ही ग्राहक उसे देखने की जहमत उठाते हैं। यही लापरवाही इस खतरनाक खेल को और बल दे रही है।
फैक्ट्री से लेकर दुकान तक गोरखधंधा!
क्रोमेटिक फैक्ट्री द्वारा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पानी की गुणवत्ता की कोई जांच नहीं, न कोई टेस्टिंग लैब, और न ही एक्सपायरी डेट की पाबंदी। सिर्फ मुनाफे की भूख में इंसानी जान की कीमत को रौंदा जा रहा है।
छोटे दुकानदार भी बन रहे शिकार
थोक में पानी लेने वाले दुकानदारों को पता ही नहीं चलता कि किस बोरी में कितनी एक्सपायरी हो चुकी बोतलें या बिना डेट वाली पाउच हैं। वे आंख मूंदकर कंपनी पर भरोसा कर बैठते हैं, लेकिन जब ग्राहक शिकायत करता है या स्वास्थ्य खराब होता है, तो दुकानदार ही कटघरे में खड़ा होता है।
हर गली-मोहल्ले में बिक रहा मौत का पानी
रतनपुर की शायद ही कोई दुकान हो जहां यह "क्रोमेटिक ज़हर" न बिक रहा हो। अगर सभी दुकानों के पाउच-बॉटल की जांच हो तो यह साबित करने में देर नहीं लगेगी कि कंपनी किस हद तक लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है।
प्रशासन की चुप्पी सबसे बड़ा सवाल
आखिर कब तक चलेगा यह खेल? क्या किसी बड़ी घटना का इंतज़ार है? क्यों नहीं होती नियमित जांच? क्यों नहीं होती पाउच जब्ती? और सबसे बड़ा सवाल — क्या कंपनी को कोई "अदृश्य संरक्षण" प्राप्त है?
जनता करे आवाज बुलंद
अब समय आ गया है कि जनता खुद जागे। पानी खरीदते समय एक्सपायरी जरूर चेक करें। दुकानदारों से जवाब मांगें। और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करें, वरना कल एक बोतल पानी भी ज़िंदगी छीन सकती है।
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