रतनपुर, 23 अप्रैल – कभी जगमगाने वाला रतनपुर अब अंधेरे में सिसक रहा है। हर वार्ड में बिजली की भारी किल्लत है, और स्ट्रीट लाइटें
फ्यूज पड़ी हैं। लोग अब तंज कसते हुए कहने लगे हैं – "कोई तो दे दे नगर को रोशनी।"
शहर वार्ड के लोग कहते फिर रहे हैं, "पहले रात में सुकून से टहलते थे, अब तो घर से निकलना डरावना लगता है। चारों तरफ अंधेरा, जैसे नगर ने जीना छोड़ दिया हो।"
लोगों का कहना है कि नगर पालिका में कोई सुनवाई नहीं हो रही। न बल्ब हैं, न जनरेटर, न टेंडर। अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं और जनता उम्मीद छोड़ती जा रही है।
यह हालात सिर्फ बिजली तक सीमित नहीं हैं – पानी, सफाई, और सड़कें भी बदहाली की कहानी सुना रही हैं।
नगरवासियों की मांग है कि नगर को फिर से रोशन किया जाए, न केवल बिजली से, बल्कि जवाबदेही और ईमानदारी से भी।
रतनपुर नगर पालिका की स्थिति बद से बदतर, हर वार्ड में हाहाकार – पिछली सरकार की खुल रही पोल
रतनपुर नगर पालिका की बदहाली अब हर वार्ड में साफ नजर आने लगी है। न बिजली है, न पानी की व्यवस्था, और न ही साफ-सफाई। हर गली, हर मोहल्ले में लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
जानकारी के मुताबिक, नगर पालिका के अधिकांश वार्डों में पिछले सात दिनों से स्ट्रीट लाइटें फ्यूज पड़ी हैं। हालात ये हैं कि नगर पालिका के पास एक भी काम का बल्ब नहीं बचा है। जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पहले कार्यकाल में क्या हुआ था?
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पिछली परिषद के कार्यकाल में भारी भ्रष्टाचार हुआ, जिसके कारण आज ये दुर्दशा देखने को मिल रही है। नलजल योजना हो या स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट – सब अधूरे और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े नजर आते हैं।
वार्ड नंबर 4 की निवासी निशा मानिकपुरी कहती हैं, "रात में निकलना मुश्किल हो गया है। अंधेरा और मच्छरों का आतंक है। पहले जो काम हुआ, वो सिर्फ कागजों पर दिखता है।"
अब जनता उम्मीद लगाए बैठी है कि नई परिषद इस बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाएगी और पुराने घोटालों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
रतनपुर से संतोष सोनी चिट्टू
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