तालाबों की निलामी से पहले सीमांकन न होने पर विवाद की आशंका, रतनपुर में उठे सवाल

तालाबों की निलामी से पहले सीमांकन न होने पर विवाद की आशंका, रतनपुर में उठे सवाल

✒️रतनपुर से संतोष सोनी चिट्टू✒️

रतनपुर नगर पालिका परिषद द्वारा नगर के विभिन्न तालाबों की निलामी की तैयारी तेज कर दी गई है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार, सभी तालाबों को स्वसहायता समूहों, मछुआरों और अन्य हितधारकों को मछली पालन हेतु लीज पर देने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। हालांकि, इस पहल से पहले तालाबों का सीमांकन न होने पर विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
नगर क्षेत्र में मौजूद अधिकांश तालाबों पर वर्षों से अतिक्रमण कर खेती की जा रही है। कई स्थानों पर तालाबों को खेत में तब्दील कर निजी उपयोग में लाया जा चुका है। ऐसे में यदि बिना स्पष्ट सीमांकन के निलामी की जाती है, तो मछली पालन करने वाले समूहों को वास्तविक रूप से तालाब तक पहुंच ही नहीं मिल पाएगी।
स्थानीय मछुआरा समाज और स्वसहायता समूहों ने चिंता जाहिर की है कि यदि उन्हें लीज पर तालाब दिया भी गया, तो उस पर काबिज लोगों से कब्जा मुक्त कौन कराएगा? न ही पालिका की ओर से अभी तक कोई कार्ययोजना सामने आई है, न ही अतिक्रमण हटाने की ठोस कार्रवाई दिख रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि निलामी प्रक्रिया से पहले सभी तालाबों का डिजिटल सीमांकन, राजस्व रिकॉर्ड की पुष्टि और सार्वजनिक सूचना आवश्यक है। बिना इन प्रारंभिक प्रक्रियाओं के संपन्न किए, तालाबों की निलामी विवाद और कानूनी उलझनों को जन्म दे सकती है।
नगर पालिका के अधिकारियों से इस संबंध में संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि “निलामी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और जल्द ही सीमांकन की कार्रवाई भी की जाएगी।” हालांकि, ज़मीनी हकीकत इससे अलग नज़र आ रही है।

स्थानीय नागरिकों की मांग है कि नगर पालिका पहले सभी तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराए, उनका सीमांकन कर उन्हें चिन्हित करे और उसके बाद ही निलामी की प्रक्रिया आरंभ की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी तरह के टकराव से बचा जा सके।

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