रतनपुर: भारी विरोध के बावजूद महामाया मंदिर ट्रस्ट पर सतीश शर्मा की टीम का वर्चस्व बरकरार, चुनाव में फिर रिपीट की संभावना

रतनपुर: भारी विरोध के बावजूद महामाया मंदिर ट्रस्ट पर सतीश शर्मा की टीम का वर्चस्व बरकरार, चुनाव में फिर रिपीट की संभावना


रतनपुर से संतोष सोनी 'चिट्टू'

रतनपुर, 10 अगस्त — ऐतिहासिक महामाया मंदिर ट्रस्ट के आगामी चुनाव को लेकर जहां एक ओर नगर में विरोध और असंतोष की आवाजें उठीं, वहीं दूसरी ओर सतीश शर्मा के नेतृत्व वाली टीम पूरी मजबूती से मैदान में डटी रही और अब एक बार फिर ट्रस्ट पर अपना वर्चस्व बनाए रखने की ओर अग्रसर है।

आज मंदिर परिसर में 21 सदस्यीय ट्रस्ट के गठन को लेकर तैयारियां तेज रहीं, जिसमें सतीश शर्मा की पूरी टीम सक्रिय रूप से जुटी रही। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट के भीतर ही अध्यक्ष पद के लिए आशीष सिंह ठाकुर और मैनेजिंग ट्रस्टी के रूप में सतीश शर्मा का नाम लगभग तय माना जा रहा है। दोनों नामों को लेकर ट्रस्ट सदस्यों के बीच सहमति बन चुकी है और जल्द ही औपचारिक घोषणा की संभावना है।

नगर में कुछ वर्गों द्वारा चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए और विरोध भी किया गया, लेकिन चूंकि वोटिंग का अधिकार केवल 21 सदस्यों को है, ऐसे में बाहरी विरोध का सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ता नहीं दिख रहा। यही वजह है कि नगर में एक बार फिर “रिपीट की पटकथा” तैयार मानी जा रही है।

सतीश शर्मा के पिछले कार्यकाल को लेकर भी लोगों में सकारात्मक राय है। उन्होंने ट्रस्ट के कार्यों को पारदर्शिता और समर्पण भाव से निभाया, जिससे उन्हें पुनः मौका मिलने की संभावनाएं और प्रबल हो गई हैं। मंदिर की व्यवस्थाओं से लेकर धार्मिक आयोजनों तक, शर्मा ने अपनी भूमिका कुशलतापूर्वक निभाई, जिससे ट्रस्ट की साख भी बनी रही।

गौरतलब है कि महामाया मंदिर ट्रस्ट न केवल धार्मिक गतिविधियों का संचालन करता है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी अग्रणी भूमिका निभाता है। ऐसे में इसके पदाधिकारियों की भूमिका शहर की धार्मिक और सामाजिक दिशा तय करने में अहम मानी जाती है।

अब जबकि चुनाव परिणामों की औपचारिक घोषणा का इंतजार है, पूरे नगर की निगाहें एक बार फिर सतीश शर्मा की टीम पर टिकी हुई हैं, और चर्चाओं के बीच यह स्पष्ट होता जा रहा है कि “जो टीम पहले थी, वही टीम फिर से आने को तैयार है।”

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