रतनपुर/बिलासपुर।
नगर के सर्वप्रिय एवं सम्मानित समाजसेवी श्री सीताराम चंदेल (70) का मंगलवार सुबह आकस्मिक निधन हो गया। अपने शांत, सरल और विनम्र स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले चंदेल जी ने जीवन के अंतिम क्षणों में भी मानवता की सर्वोच्च मिसाल पेश करते हुए अपने नेत्र दान कर दिए। उनके इस निर्णय से दो नेत्रहीनों को नई रोशनी मिलने की उम्मीद जग गई है।
परिजनों ने बताया कि चंदेल जी लंबे समय से दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। सेवा और सामाजिक कार्यों में उनकी गहरी आस्था थी। परिवार का कहना है कि वे अक्सर कहा करते थे—“मनुष्य का जीवन तभी सार्थक है जब उससे किसी दूसरे का भला हो।” अपनी इसी सोच को जीवंत करते हुए उन्होंने अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान का संकल्प पूरा किया।
आज सुबह शहर में शोक की लहर
उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। व्यापारिक समुदाय, समाजसेवी संगठनों, चिकित्सक वर्ग और स्थानीय नागरिकों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया। नगर में उन्हें एक सज्जन, शांत और जिम्मेदार नागरिक के रूप में जाना जाता था।
परिवार में शोक का माहौल
वे सीताराम होटल के संचालक संजय चंदेल, डॉ. विजय चंदेल, और डॉ. जय चंदेल के पूज्य पिता थे। परिवार ने कठिन परिस्थितियों में भी नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरा कर दिवंगत की इच्छा का सम्मान किया, जिसके लिए सामाजिक संगठनों ने परिवार के इस साहस और संवेदनशील निर्णय की सराहना की है।
कल होगा अंतिम संस्कार
स्व. चंदेल जी का अंतिम संस्कार कल प्रातः 11 बजे कृष्णार्जुनी मुक्तिधाम में किया जाएगा। बड़ी संख्या में नगरवासी, व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि उपस्थित होने की संभावना है।
समाज के लिए प्रेरणा
स्व. सीताराम चंदेल जी का नेत्रदान न केवल दो व्यक्तियों को नई रोशनी देगा बल्कि समाज को मानवता, सेवा और दान की अद्भुत सीख भी देगा। उनके इस महान कार्य को नगर वर्षों तक याद रखेगा।
दिवंगत आत्मा को शांति… ॐ शांति।
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