विलुप्ति की राह पर डाॅ.मकोय...फल और पत्तियों में रिकॉर्ड आठ मेडिशनल प्रॉपर्टीज

विलुप्ति की राह पर डाॅ.मकोय...

फल और पत्तियों में रिकॉर्ड आठ मेडिशनल प्रॉपर्टीज

प्वाइंटर- खोज रहे संरक्षण और संवर्धन के उपाय

बिलासपुर- नाम है मकोय। खरपतवार नहीं लेकिन खरपतवार के बीच ही उगता है। बगैर देखभाल के तैयार होने वाले इस पौधे को औषधिय पौधा भी कहा जाता है क्योंकि फल और पत्तियों में रिकॉर्ड ऐसी आठ बीमारियां दूर करने के गुण मिले हैं, जिनसे लगभग हर व्यक्ति ग्रसित है। 

चिंता में हैं कृषि वैज्ञानिक क्योंकि निंदाई और खरपतवारनाशक दवाओं के बेतहाशा छिड़काव ने एक ऐसे पौधे को खत्म होने की स्थिति में पहुंचा दिया है, जिसके फल और पत्तियों में कैंसर व किडनी और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के गुण  होते हैं। ऐसे में संरक्षण और संवर्धन की जरूरत महसूस कर रहे हैं कृषि वैज्ञानिक। 


मिले यह मेडिशनल प्रॉपर्टीज

मकोय पर हुए अनुसंधान के बाद इसके फलों में डाइजेस्टिव एंजाइम, विटामिन ए, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीपायरेटिक एजेंट के साथ एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी पाई गई है। इसके अलावा हाइपोग्लाइसेमिक जैसे अहम मेडिशनल प्रॉपर्टीज के होने का भी खुलासा हुआ है। यही वजह है कि आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली इकाईयां  मकोय के फलों से पाउडर बना रही हैं। 
प्रभावी इन बीमारियों में

मकोय के सेवन से कैंसर सेल्स का डेवलपमेंट रोका जा सकता है, तो ट्यूमर की ग्रोथ भी रोकता है मकोय का नियमित सेवन। उच्च रक्तचाप, ब्लड शुगर लेवल पर नियंत्रण के साथ मधुमेह जैसी आम हो चुकी स्वास्थ्यगत समस्या दूर की जा सकती है। किडनी, आंत, लीवर को स्वस्थ रखने के भी गुण मिले हैं मकोय के फलों में। श्वांस, बदहजमी, अपच जैसी समस्या भी मकोय के सेवन से दूर की जा सकती है। 

हो रहा विलुप्त

फूलों का रंग सफेद। फल पीला, लाल और बैगनी रंग का होता है। मकोय के पौधे छोटे होते हैं। यह खरपतवार नियंत्रण के उपायों की चपेट में आ चुका है, इसलिए तेजी से  विलुप्ति की राह पर है मकोय। ऐसे में संरक्षण और संवर्धन के उपायों की खोज कर रहे हैं कृषि वैज्ञानिक क्योंकि अहम है मकोय की मौजूदगी। 
बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता

छोटे लाल और बैंगनी जामुन की तरह दिखने वाले इस फल का नाम मकोय है, जिसे ब्लैक नाइट शेड भी कहते हैं। मकोय में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। यह शरीर को कई बीमारियों और संक्रमण से बचाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होने लगती है जो शरीर को अन्य रोगों से लड़ने में मदद करता है।

अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर

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